Chanakya Niti : अहंकार को न बनाएं अपना स्वभाव, मजबूत से मजबूत रिश्तों में आ जाती है दरार

Chanakya Niti

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य विद्वान होने के साथ-साथ एक योग्य समाज सुधारक भी थे। उन्होंने मनुष्य जीवन की हर एक छोटी से छोटी परेशानी पर गहराई से अध्ययन किया और फिर उसका समाधान अपनी नीति शास्त्र में लिखा। अर्थशास्त्री चाणक्य (Chanakya Niti) की नीति के मुताबिक व्यक्ति की सफलता में सबसे बड़ी समस्या उनके भीतर छिपे अवगुण होता है। इसलिए सबसे पहले उन्हें अपने अंदर के उन अवगुणों का त्यागना चाहिए। इसी में से एक है अहंकार। अहंकार (Ego) एक ऐसा अवगुण है जिससे मनुष्य के जीवन में प्रकाश की जगह अंधकार का आगमन होता हैं। जबकि इसे त्यागने से उसके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, धन-धान्य और वैभव का वास होता है।आज हम आपको इस आर्टिकल में उन उपायों के बारें में बताएंगे जिससे आप अपने अहंकार को आसानी से काबू कर पाएंगे।

 

आचार्य चाणक्य की नीती शास्त्र (Chanakya Niti) के मुताबिक अहंकार (Ego) से व्यक्ति में विभिन्न अवगुणों को विकास होता है जिससे वह सही-गलत का भेद नहीं कर पाता है। जब मनुष्य सही और गलत का भेद नहीं कर पाता है तो उसके सफल होने की संभावना न के बराबर हो जाती है। इसलिए अहंकार को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।

 

नीति शास्त्र (Chanakya Niti) के मुताबिक अहंकार (Ego) को अध्यात्म के जरिए खत्म किया जा सकता हैं। जब व्यक्ति में अहंकार आ जाता है तो वह अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानने लगता है और दूसरों के हितों को अनदेखा करता है। वह सिर्फ अपने आप को ही सत्य व उचित मानता है। इसलिए रोजाना ध्यान लगाएं। इससे आपका मन और दिमाग शांत होगा जिससे आपके सोचने-समझने की शक्ति बढ़ेगी।

 

इसके अलावा अपने अंदर जनकल्याण की भावना को बढ़ाएं। दान, दया और करुणा जैसे भाव को बढ़ाएं। इससे आपका अहंकार (Ego) कम होगा और आप में भाईचारे, प्यार और रिश्तों की समझ बढ़ेगी।

Exit mobile version