Chanakya Niti : पैसे कमाने के लालच में कभी भी इन चीजों को न करें अनदेखा, हो सकता है भारी नुकसान

Chanakya Niti

Chanakya Niti : भारतीय इतिहास में आचार्य चाणक्य को उनकी रणनीति और कूटनीति में विशारद माना जाता था। देश के कई राज्यों में उन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति से अपने मेधावी शिष्य चंद्रगुप्त मौर्य को सिंहासन पर भी बैठाया था और खुद को चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु, महामंत्री, हितेषी और राज्य के संस्थापक का दर्जा दिया था। आचार्य ने अपनी बुद्धि, विद्या और कुटिल राजनीति की समझ से चाणक्य नीति लिखी थी। नीति में उन्होंने मनुष्य जीवन के हर एक पहलू का वर्णन किया हैं, जिसमें प्यार, रिश्ते, धन, परिवार और सुख आदि सब शामिल है।

आचार्य चाणक्‍य की नीति के मुताबिक, विश्व में धन का सबसे ज्यादा महत्त्व हैं। जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी वस्तु है पैसा। पैसे से मनुष्य बड़ी से बड़ी चीज को खरीद सकता है। धन कमाने के लिए हर एक व्यक्ति अपनी समझ के अनुकूल काम व मेहनत करता है। लेकिन कुछ लोग पैसे कमाने की लालच में अंधे हो जाते हैं। चाणक्‍य (Chanakya Niti) कहते है कि हर एक व्यक्ति को अपनी जरुरत के हिसाब से ही धन के पीछे भागना चाहिए। कई बार पैसे कमाने की चाहत में कुछ चीजें पीछे छूट जाती हैं, जिन्हें फिर कभी भी वापस नहीं पाया जा सकता है। जो धन से भी ज्‍यादा कीमती होती हैं। जो है-

चाणक्‍य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। पैसों के लिए कभी भी स्वाभिमान को त्यागना नहीं चाहिए। अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत के दम पर मनुष्य कभी भी पैसों को दोबारा कमा सकता है। लेकिन अपने स्वाभिमान से समझौता करके इंसान कभी भी खुश नहीं रह सकता।

इसके अलावा मनुष्य (Chanakya Niti) को कभी भी अपने धर्म से ऊपर धन को नहीं रखना चाहिए। कई बार व्यक्ति धन कमाने की लालसा में धर्म का त्‍याग करते हुए समाज में अपनी प्रतिष्ठा खत्‍म कर देता है, जिससे वह गलत रास्ते पर चलकर अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है। इसलिए कभी भी अपने धर्म के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। क्योंकि धर्म ही इंसान को सही-गलत की पहचान कराना सिखाता है।

चाणक्‍य (Chanakya Niti) कहते है कि जीवन में धन और प्यार की बराबर जरुरत होती हैं। पैसों की वजह से कई बार व्यक्ति अपने रिश्तों और प्यार को नज़रअंदाज़ कर देता है, जिसकी वजह से घर-परिवार में कलेश, तनाव और चिंता का माहौल रहता है। इसलिए कभी भी रिश्तों के बीच में धन को नहीं लाना चाहिए। क्योंकि बड़े से बड़ा धनवान व्यक्ति भी पैसों से प्रेम को नहीं खरीद सकता है।

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