Sunday, November 3, 2024
MGU Meghalaya
Homeधर्मNavratri 2024 Kalash Sthapana : शारदीय नवरात्रि का पहला दिन जानिए कैसे...

Navratri 2024 Kalash Sthapana : शारदीय नवरात्रि का पहला दिन जानिए कैसे करनी चाहिए कलश की स्थापना ?

Navratri 2024 Kalash Sthapana : सनातन धर्म में नवरात्रि पूजन को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे नौ दिनों तक माता रानी की पूजा और व्रत किया जाता है। नवरात्रि में दुर्गा माता के नौ अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि शारदीय नवरात्रि में माता रानी ने देवताओं से असुरों की रक्षा की थी। इन्हीं दिनों रामायण काल में प्रभु श्री राम ने और महाभारत काल में पांडवों ने युद्ध में जीतने के लिए नौ दिनों तक दुर्गा माता का व्रत और पूजन किया था।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पूजा में दुर्गा माता के पूजन का विशेष महत्व और विधि का वर्णन मिलता है। जिसमें माता रानी की मूर्ति की स्थापना के साथ-साथ अन्य चीजों को भी स्थापित किया जाता है। आज हम नवरात्रि पूजा में लोटे की स्थापना के बारे में जानेगें। किस तरह लोटे को स्थापित करना चाहिए और कैसे उसका पूजन करना चाहिए।

Navratri 2024 Kalash Sthapana: शारदीय नवरात्रि में इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, जानें सही विधि और नियम | Sharadiya Navratri 2024 Kalash Sthapana Shubh Muhurat Vidhi Niyam and Significance

कैसे करें कलश स्थापित ?

माता की चौकी पर जहाँ दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं उसके बाँई ओर लोटे की स्थापना की जाती है।

लोटा साफ और केवल पूजा के उपयोग के लिए ही होना चाहिए।

ताँबे, पीतल या स्टील का लोटा किसी भी धातु का लोटा ले सकते हैं।

सबसे पहले लोटे के ऊपरी सिरे पर लाल कलावा बाँधे।

लोटे में थोङा सा गंगाजल डालें और फिर उसी गंगाजल के ऊपर लोटे में साफ जल भर दें।

लोटे में एक साफ हल्दी की गाँठ डाले। हल्दी का पाऊडर या मसाला नहीं हल्दी की साबुत गाँठ का उपयोग करना है।

उसके बाद लोटे में एक सुपारी और एक का सिक्का डालें।

फिर लोटे में साबुत और साफ 2 या 4 जोङे लौंग डालें।

साबुत इलायची के एक या दो दानें डालें।

लोटे में बिना खंडित यानि बिना टूटे साबुत चावल के कुछ दानें डाल लें।

उसके बाद लाल या पीले फूल की कुछ पंखुङियाँ डालें ।

अंत में लाल रोली से लोटे पर स्वस्तिक बनाएं या तिलक लगाएं।

लोटे के ऊपर पाँच या सात आम के पत्ते लगाकर लोटे के ऊपर नारियल के रख दें।

उस लोटे को दुर्गा माता की मुर्ति के बाँई ओर स्थापित कर दें।

ये भी पढ़ें :  Shardiya Navratri 2024 : 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू, जानिए पूजा विधी

नवरात्रि के बाद कलश की सामाग्री का क्या करना चाहिए ?

ऊपर बताई गई विधि के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन ही लोटे की स्थापना कर दें। नौ दिनों तक लोटे को एक ही जगह पर रखे रहने दें। बार-बार उसे अपनी जगह से हिलाना नहीं चाहिए। नवरात्रि के अंतिम दिन यानि नवमी को जब माता रानी को विदा करें तभी लोटे को प्रणाम कर दोनों हाथों से उठाएँ।

नारियल को तोङकर कन्याओं में प्रसाद के रुप में बाँट दें। लोटे को पूजा के सामान्य उपयोग में ले सकते हैं लेकिन लोटे के अंदर रखी हुई सारी सामाग्री को किसी लाल कपङे या साफ बर्तन में इकट्ठा कर लें। लोटे के अंदर की सामाग्री को किसी पवित्र नदी या बहते जल में प्रवाहित कर दें।

- Advertisment -
Most Popular