National Pollution Control Day आज, जानिए कब हुई इसकी शुरूआत

National pollution Control day

National pollution Control day

पॉल्यूशन पूरे विश्व की वो समस्या है जिससे हर कोई आज के समय में जूझ रहा है। यह देखते ही देखते एक बड़ी चिंता का विषय बना गया है। पॉल्यूशन ने अपनी छाप मानव जीवन पे ही नहीं बल्कि प्रकृति पे छोड़ दी है। जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि ने हमारी जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। प्रदूषण को लेकर पूरे विश्व में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के रूप मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है प्रदूषण से आने वाले समय में पूरी तरह से छुटकारा पाना। यह दिन लोगों जागरूक करने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। ताकि हम अपनी मदर नेचर प्रदूषण के प्रकोप से बचा सके। चलिए जानते है नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में जान लेते हैं।

 

नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे मनाने की शुरुआत

आप सभी को साल 1984 में 2 से 3 दिसंबर की रात हुए भोपाल गैस त्रासदी याद होगी जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक भोपाल के यूनियन कार्बाइड प्लांट से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हुआ था। इस जहरीली गैस के रिसाव के कारण पांच लाख से भी अधिक लोग मौत के घाट उतर गए।1984 की गैस त्रासदी में जिन लोगों ने अपने प्राण गवाएं उनकी याद और सम्मान के लिए हर साल देश भर में नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य इंडस्ट्रियल डिजास्टर मैनेजमेंट और उसके नियंत्रण के लिए जागरूकता फैलाना है।

 

2022 की थीम क्या है?

डब्ल्यूएचओ (WHO)के मुताबिक वायु प्रदूषण के प्रभाव से हर साल 7 मिलियन प्रीमेच्योर डेथ्स होती हैं। ये आंकडा हिला देने वाला है इससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे की इस साल की थीम पॉल्यूशन अवेयरनेस को सुधारना और प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारों की पॉलिसीज को एडजस्ट करने को बढ़ावा देती है।

 

नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे का महत्व

एयर पॉल्यूशन के दुष्प्रभावों को समझने के लिए ये दिन महत्वपूर्ण है। नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक हर साल 7 मिलियन लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठते है। इस समय पॉल्यूशन के कारण हालात इतने ख़राब है कि इंटरनेशनल लेवल पर हर 10 में से 9 लोगों तक शुद्ध हवा नहीं पहुंच पाती। हवा में उपस्थित प्रदूषक तत्व हमारे दिल, दिमाग और फेफड़ों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। भोपाल गैस त्रासदी विश्व की अब तक की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी। इस प्रकार की घटना फिर कभी ना हो इस कारण नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के द्वारा पूरी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

Exit mobile version