Mauni Amavasya पर जरूर करें पितृ स्तोत्र का पाठ, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति

Mauni Amavasya 2023

Mauni Amavasya 2023 : सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्त्व हैं। इस बार साल की पहली मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को मनाई जायेगी। हिन्दू मान्यता के अनुसार, इस दिन विष्णु जी की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं। साथ ही जिन कार्यों में रुकावट आती है, वो सभी काम बन जाते हैं। इसके अलावा इस दिन (Mauni Amavasya 2023) पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में उन्हीं कुछ उपायों के बारें में बताएंगे।

पितृ दोष का मुख्य कारण

बता दें कि पितृ दोष के कारण मनुष्य को जीवन में उन्नति नहीं मिलती। साथ ही परिवार में हर समय अशांति, कलेश और तनाव का माहौल रहता है। इसके अलावा संतान प्राप्ति का सुख भी नहीं मिलता। हर शुभ कार्य में अर्चन आने के साथ-साथ अफलता मिलती हैं। पितृ दोष (Pitra Dosh) का मुख्य कारण, व्यक्ति के पितृ होते हैं। जब मनुष्य के बड़े बुजुर्ग व पितृ मनुष्य से नाराज होते हैं, तो वह श्राप देते है, जिससे व्यक्ति के जीवन में तमाम पेरशानियां रहती है। जो तमाम कोशिशों के बाद भी कम नहीं होती। अमावस्या या पूर्णिमा तिथि के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृदोष उत्पन्न नहीं होता।

जरूर अपनाएं इन उपायों को

मौनी अमावस्या के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। स्नान करने के बाद ही पितृ दोष (Pitra Dosh Upay) से मुक्ति पाने के उपाय करने चाहिए। पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों को जल से तर्पण करना चाहिए, जिसके बाद पिंडदान करें। इसके अलावा जिन लोगों ने पितृ का श्राद्ध कर्म नहीं किया है, तो वो भी अवश्य करें। हिन्दू मान्यता के अनुसार, अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) के पावन दिन पितरों की पूजा करते समय पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती हैं।

शुद्धता के साथ पितृ स्तोत्र का पाठ करें और पितरों (Pitra Dosh Upay) को प्रणाम करने के बाद उनको जल, वचन और पिंडदान आदि से तृप्त करें। पितृ स्तोत्र के अलावा पितृ सूक्त का पाठ करना भी अच्छा होता है। अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) के दिन इन उपायों को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती हैं।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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