मेसी का जीवन नहीं रहा है आसान, इस भयंकर बीमारी से थे परेशाान

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फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में लियोन मेसी की अगुवाई वाली टीम अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराकर चैंपियन बन गई है। क़तर के लुसैल स्टेडयम में खेले गए इस मैच में अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनाल्टी शूटऑउट में हराया। इस मैच में अर्जेंटीना के हीरो मेसी ने गोल दागकर न सिर्फ ट्रॉफी दिलाई बल्कि पुरे दुनिया को बता दिया कि वो क्यों 21 वीं सदी के बेस्ट फुटबॉलर हैं। लियोनेल मेसी ने फीफा वर्ल्ड कप 2022 में कुल 13 गोल किए हैं जिसके बाद उन्हें गोल्डन बॉल अवार्ड के नवाजा गया।

लियोन मेसी का संघर्षमय जीवन

लियोन मेसी का जन्म 24 जून 1987 को अर्जेंटीना के रोजारियो में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ। मेसी के पिता एक फैक्ट्री में मजदूर थे और उनकी काम सफाई करने का काम करती थी। महज पांच साल की उम्र में ही मेसी स्थानीय क्लब ग्रैंडोली के लिए फुटबॉल खेलने लगे। 11 साल की उम्र में उन्हें एक गंभीर बीमारी का पता चला जिसका नाम ग्रोथ हार्मोन डेफिसिएंसी था। इस बीमारी के पता लगने के बाद मेसी के  परिवार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

इसी दौरान फुटबॉल क्लब बार्सिलोना मेसी के इलाज के लिए आगे आया। बार्सिलोना के खेल निदेशक कार्ल्स रिक्सैक को मेसी की प्रतिभा के बारे में बताया गया। जिसके बाद बार्सिलोना ने उनसे एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाए। जिसके बाद मेसी और उनके परिवार को अर्जेंटीना छोड़ स्पेन आना पड़ा। मेसी का परिवार यूरोप आ गया और उन्होंने क्लब के युवा टीमों में खेलना शुरू कर दिया। लियोन मेसी ने 17 साल की में 2004-05 के दौरान बार्सिलोना क्लब के लिए अपना डेब्यू किया। इसके बाद मेसी ने अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना शुरू किया।

21वीं सदी के बेस्ट फुटबॉलर

इस सदी का सबसे महान फुटबॉलर मेसी ने अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप जिताकर रोज-रोज के GOAT पर होने वाली बहस और क्रिस्टियानो रोनाल्डो से तुलना को एक झटके में खत्म कर दिया है। अर्जेंटीना ने 2 बार के चैंपियन फ्रांस को हराकर फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की। यह अर्जेंटीना की तीसरी फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी है।

मेसी ने रोनाल्डो को पीछे छोड़ा

इन दोनों के बीच ना सिर्फ मैदान पर बल्कि बाहर भी प्रतिद्वंद्विता देखने का मिलती रही है। मेसी और रोनाल्डो के प्रशंसक अपने पसंदीदा खिलाड़ी को ग्रेट ऑफ ऑल टाइम यानी GOAT बुलाते रहे हैं। पैसा और प्रसिद्धि के मामले में दोनों ही आसपास हैं। लेकिन वर्ल्ड कप जीतने के साथ ही मेसी ने उपलब्धियों के मामले में रोनाल्डो को काफी पीछे छोड़ दिया है।

लियोनेल मेसी के स्टार रहते अर्जेंटीना की टीम दो बार फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची। एक बार उसने खिताब जीता और एक बार उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। जबकि रोनाल्डो अपनी नेशनल टीम पुर्तगाल को एक बार भी विश्व कप फाइनल में नहीं पहुंचा सके।

 

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