Mental Health Report : मानसिक स्वास्थ्य पर मैनेजर का पड़ता है गहरा प्रभाव, स्टडी में हुआ खुलासा

Mental Health at Work- Managers and Money Report

Mental Health at Work- Managers and Money Report : भागदौड़ भरी जिंदगी का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभवा पड़ता है। कार्यक्षेत्र में काम के साथ-साथ मैनेजरों के नियम से भी लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर होता है। हाल ही में की गई स्टडी में पता चला है कि दुनियाभर में लगभग 60 फीसदी एंप्लायी मानते हैं कि उनकी नौकरी का गहरा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर होता है। सर्वे के मुताबिक अधिकांश लोगों का कहना है कि वह ज्यादा सैलरी वाली नौकरी की बजाए मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे। यहां तक की तनख्वाह में भी कटौती कर सकते हैं।

स्टडी में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

मार्च 2023 की शुरुआत में यूकेजी में द वर्कफोर्स इंस्टीट्यूट ने ‘मेंटल हेल्थ ऐट वर्क: मैनेजर्स एंड मनी’ (Mental Health at Work- Managers and Money Report) नामक रिपोर्ट जारी की थी। इस स्टडी में अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग भूमिका निभाने वाले 10 देशों के कामकाजी लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे के दौरान पता चला कि विश्व भर में हर पांच में से एक कर्मचारी के मानसिक स्वास्थ्य पर उसकी नौकरी का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि महिलाओं की तुलना में ये संख्या कम है।

रिपोर्ट (Mental Health at Work- Managers and Money Report) के मुताबिक मानसिक स्वास्थ्य पर मैनेजरों और जीवनसाथी (दोनों 69%) का बराबर असर होता है जबकि डॉक्टर का 51% या थेरेपिस्ट का 41% से भी अधिक असर पड़ता है। इसके अलावा ये भी भविष्यवाणी की गई है कि अगले 12 महीनों में विश्व स्तर पर ग्रेड ‘सी’ की नौकरी करने वाले लगभग 40 फीसदी लोग काम के तनाव की वजह से अपनी जॉब को अलविदा कह देंगे। 43% कर्मचारियों का मानना है कि दिन का काम खत्म करते-करते उन्हें अधिकांश समय थकान महसूस होती है। जबकि 78% कर्मचारियों ने माना है कि तनाव की वजह से काम पर उनका नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा नौकरी के काम का तनाव कर्मचारियों के व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित करता है। काम के तनाव की वजह से कर्मचारियों के घरेलू जीवन पर 71%, खुशियों पर 64% और रिश्तों पर 62% का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

गौरतलब है कि लगभग 40 फीसदी कर्मचारियों (Mental Health at Work- Managers and Money Report) ने माना है कि काम के तनाव की बात वह अपने मैनेजर से नहीं कर सकते हैं। 16 फीसदी लोगों ने माना कि अगर वह इसकी बात अपने मैनेजर से करते भी हैं तो कुछ नहीं होगा। 13 फीसदी कर्मचारी ने कहा कि उनका मैनेजर काफी व्यस्त है। जबकि 20 फीसदी लोगों ने कहा कि वह खुद ही इस परेशानी का कोई न कोई हल ढूंढ़ लेंगे।

मैनेजरों ने भी किया चौंकाने वाला खुलासा

बता दें कि कर्मचारियों के अलावा मैनेजरों (Mental Health at Work- Managers and Money Report) ने भी माना कि वह खुद हर समय तनावग्रस्त रहते हैं। 57 फीसदी मैनेजरों ने माना कि अगर उन्हें पहले नौकरी के बारे में पता होता तो शायद वो ये काम नहीं कर रहे होते। इसके अलावा 46 फीसदी मैनेजरों ने कहा कि काम के तनाव के कारण अगले 12 माह में वह अपनी नौकरी छोड़ देंगे।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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