Make In India : मेक इन इंडिया कार्यक्रम से भारत को कई फायदे हुए

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Make In India : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2014 में मेक इन इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। साथ ही इसका उद्देश्य भारत को एक ग्लोबल इंडस्ट्री हब बनाना है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है देश में इंवेस्टमेंट्स को बढ़ावा देना, रोज़गार लाना और स्वदेशी प्रोडक्ट्स बनाना है। भारत सरकार ने इस कार्यक्रम के तहत देश में इंवेस्टमेंट्स बढ़ाने के लिए कई रिफॉर्म्स किये। मेक इन इंडिया कार्यक्रम से भारत को कई फायदे हुए। भारत 2020में वर्ल्डस बैंक्स ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नस इंडेक्स में 142वें स्थान पर था जो की 2020 में 63वें स्थान पर आ गया। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में प्राइवेट और फॉरेन इंवेस्टमेंट्स को बढ़ावा दिया जैसे की डिफेन्स, रेलवेज, सिविल एविएशन आदि।

 

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इसी के साथ भारत ने कई क्षेत्रों में विकास देखा जैसे कि ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाइल्स आदि। भारत ने मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में ऊंचा पद हासिल किया। 2017-18 में 200 से अधिक यूनिट्स ने 225 मिलियन से अधिक हैंडसेट्स उत्पन्न किए है। भारत अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए अंतराष्ट्रीय बाजार बनाने में न कामयाब रहा। भारत का लक्ष्य था 2025 से पहले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का भाग 25 प्रतिशत बढ़ाना। इस दौरान भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया। जैसे कि पॉलिसी पैरलिसिस , इन्वेस्टमेंट क्रंच, बिखरा हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर, लेबर की दिक्कत आदि। मेक इन इंडिया के क्षेत्रो में अब सुधार हो रहे हैं, जिसमे इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव, रेगुलेटरी रिफॉर्म्स आदि है। ये कार्यक्रम भारत को विश्व बाजार में एक मज़बूत देश बनाने की संभावना रखता है। जरूरत है तो बस कुछ बदलावों की और लगन से इसपर काम करने की।

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