जानिए भारत में कहां-कहां हैं इस्कॉन मंदिर

Iskcon Temple

Iskcon Temple : न्यूयॉर्क शहर में वर्ष 1966 में बने संगठन ने भारत के अलग-अलग शहर में कई मंदिरों का निर्माण किया हैं। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) एक वैश्विक संगठन हैं, जो राधा-कृष्ण को समर्पित इस्कॉन मंदिर का निर्माण करते है। यह एक संप्रदाय है जो गौड़ीय वैष्णव परंपरा का पालन करता है और राधा-कृष्ण के शिष्य हैं। बता दें कि हर इस्कॉन मंदिर की अपनी ही एक अलग विशेषता है। इस्कॉन मंदिरों में, जन्माष्टमी के दौरान एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है।

हर मंदिर की है अपनी विशेषता

भारत में दिल्ली, वृंदावन के अलावा भी कई अलग-अलग राज्यों में इस्कॉन मंदिर है, जिनका अपना ही महत्व और विशेषता हैं।
– पश्चिम बंगाल
श्री मायापुरा चंद्रोदय मंदिर भारत में सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर में से एक है, जो पश्चिम बंगाल के मायापुर में स्थित है। यह इस्कॉन का मुख्य मुख्यालय भी है, जिसकी आधारशिला साल 1972 में रखी गई थी। इस मंदिर में समारोह के दौरान हजारों पर्यटक आते हैं।
– बैंगलोर
भारत में सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर बैंगलोर में है। जिसे श्री राधा कृष्ण मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में सालभर भक्तों व पर्यटकों का तांता लगा रहता है।
– अहमदाबाद
गुजरात में भी इस्कॉन मंदिर हैं, जहां आध्यात्मिकता और मानसिक शांति का अनुभव करने के लिए अच्छी जगह है। इस अद्भुत हरे कृष्ण मंदिर के अंदर हमेशा हरे राम-हरे कृष्ण के मंत्रों को सुना जाता है। इसके अलावा इस मंदिर में दैनिक जीवन को बेहतर बनाने की तकनीकों को सिखाने के लिए संस्थानों, कॉरपोरेट्स आदि में सेशन भी आयोजित होते हैं।
– वृंदावन
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भक्तिवेदांत स्वामी मार्ग पर स्थित मंदिर, भारत का पहला इस्कॉन मंदिर है, जिसे 1975 में बनाया गया था। इस मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष जन्माष्टमी के दौरान हजारों भक्त यहां इकट्ठा होते हैं। बता दें कि भगवान कृष्ण से जुड़ी होने के कारण इस स्थान पर बने इस्कॉन मंदिर का अपना एक अलग महत्व है।
– दिल्ली
प्रसिद्ध कृष्ण बलराम इस्कॉन मंदिर दिल्ली की राजधानी के केंद्र में है। जन्माष्टमी में यहां पर लगभग 7-8 लाख लोग आते है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण व उनके जीवन से जुड़ी कई जानकारी प्रदान की जाती है।
– चेन्नई
भगवान कृष्ण को समर्पित, दक्षिणी चेन्नई में ईस्ट कोस्ट रोड पर स्थित यह मंदिर 1.5 एकड़ भूमि पर निर्मित है और यह तमिलनाडु का सबसे बड़ा राधा कृष्ण का मंदिर है। 26 अप्रैल, वर्ष 2012 को आधिकारिक तौर पर इस मंदिर का उद्घाटन किया गया था।

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