तब तक कांग्रेस ही न खत्म हो जाएं ”, पुराने साथी ने राहुल गांधी को मारा जोरदार ताना !

jyotiraditya sindhia

देश में अगले साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने है। इन चुनावों से पहले इसी साल कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हैं, जिन्हें आम चुनावों का ट्रेलर माना जा रहा है। इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर के तीन राज्यों से हुई, जिसके चुनाव परिणाम भी बीते दिन सामने आए हैं। त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के गुरुवार को चुनाव नतीजे घोषित हुए। जहां ये चुनाव बीजेपी के लिए शुभ समाचार लेकर आए, तो कांग्रेस यहां भी फेल हो गई।

तीन राज्यों में फेल हुई कांग्रेस

त्रिपुरा में कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था, लेकिन इसका कुछ खास लाभ उसे मिलता नहीं देखा। यहां कांग्रेस-लेफ्ट का गठबंधन केवल 14 सीटें ही जीत पाने में कामयाब हुआ, जबकि नागालैंड में तो कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया। नागालैंड में कांग्रेस के हिस्से में एक भी सीट नहीं आ पाई। मेघालय में कांग्रेस को पांच ही सीटें हासिल हो पाई।

सिंधिया ने राहुल को ठहराया जिम्मेदार

ऐसे में कांग्रेस के भविष्य को लेकर फिर से चर्चाएं शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी पार्टी की जमीन मजूबत करने और कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली। लेकिन इस यात्रा के बाद पहली ही परीक्षा में कांग्रेस का हाल काफी बुरा नजर आया।

इन तीन राज्यों में करारी हार पर अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने सीधे तौर पर इस हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राहुल गांधी ने नए लुक पर तंज कसते हुए कहा कि तीन राज्यों के जो नतीजे आए हैं, उसके बाद राहुल का कोई लुक बाकी रह गया है क्या?

सिंधिया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जारी विकास कार्यों का निरीक्षण लेने के लिए ग्वालियर आए थे। यहां उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों से ये स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा को किसी ने भी गंभीरता ने नहीं लिया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हालात कितने बुरे होने वाले हैं, इसके रूझान अभी से मिलने लगे हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस को धीरे-धीरे पूरे देश की जनता ने नकार दिया है।

सिंधिया यही नहीं थमे, बल्कि उन्होंने मुस्कान के साथ चुटकी लेते हुए ये भी कहा कि मध्य प्रदेश में तो इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में ये न हो कि तब तक कांग्रेस पार्टी ही न बचे।

तीनों राज्यों में मिलीं कुल 8 सीटें

पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में कांग्रेस का हाल क्या हुआ, आप इसका अंदाजा इन आंकड़ों से लगा सकते हैं। इन तीनों ही राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटे थी। हालांकि कांग्रेस ने कुल 180 सीटों में से 96 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से पार्टी तीन राज्यों में मिलकर केवल 8 ही सीटों पर जीत पाई। इसमें त्रिपुरा की 3 और मेघालय की पांच सीटें शामिल हैं। त्रिपुरा में कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को 14 सीटें अवश्य मिली। ऐसे में कांग्रेस का यहां प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

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