राजनीति के लिए बच्चों का इस्तेमाल कर रही AAP! जानिए NCPCR ने क्यों भेजा नोटिस ?

manish sisodiya news

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति लगातार गर्माई हुई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता इस गिरफ्तारी के विरोध में उतरे हुए हैं। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी-कांग्रेस समेत कई पार्टियां आप के बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उन्हें घेर रही हैं। इस बीच बच्चों को राजनीति के लिए इस्तेमाल करने के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी विवादों में घिर गई है।

आप का अभियान

दरअसल, पूरा मामला कुछ ऐसा है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के स्कूलों में “आई लव मनीष सिसोदिया” नाम का एक अभियान चलाया। इस दौरान दावा ये भी किया गया कि छोटी-बड़ी कक्षाओं के 20 हजार बच्चों ने सिसोदिया के समर्थन में चिट्ठी लिखी हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस चिट्ठियों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की, जिसको लेकर ही अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

आप विधायक आतिशी मार्लेना ने भी शुक्रवार को कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की, जिसमें बच्चे के हाथ से लिखे कार्ड शामिल थे। इस दौरान आतिशी ने लिखा- “भाजपा वालों: तुम कितने भी झूठे इल्जाम लगा लो, पर जो दिल्ली के बच्चों का मनीष सिसोदिया के लिए प्यार है, उसे तुम हिला नहीं सकते।”

भाजपा वालों: तुम कितने भी झूठे इलज़ाम लगा लो, पर जो दिल्ली के बच्चों का @msisodia के लिए प्यार है, उसे तुम हिला नहीं सकते हो pic.twitter.com/a7eXShIVdV

— Atishi (@AtishiAAP) March 3, 2023

NCPCR ने भेजा नोटिस

राजनीति के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) इस पूरे मामले को लेकर सख्त हो गया। NCPCR ने इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। NCPCR ने बताया कि उन्हें एक शिकायत मिली है, जिसमें यह सूचित किया गया है कि आतिशी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ तस्वीरें अपलोड की हैं, जिसमें नाबालिग बच्चे स्कूलों में मनीष सिसोदिया के लिए पोस्टर पकड़े नजर आ रहे हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश के अनुसार बच्चों का राजनीति मामलों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। न ही उनकी तस्वीरें छापी जा सकती है। यही कारण है कि इस मामले को लेकर NCPCR ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर आतिशी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

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