IPL Impact on Team India Players : आईपीएल ने बर्बाद किया खिलाड़ियों का फॉम, पहले पुरुष टीम अब महिला टीम भी चंगुल में फंसी, यहां है सबूत

IPL Impact on Team India Players:

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल भारत का काफी लोकप्रिय टूर्नामेंट है। इंडिया में इसे एक त्योहार की तरह देखा जाता है जो करीब दो महीने तक चलता है। खिलाड़ियों को मोटी रकम के साथ अन्य कई अवार्ड भी मिलते हैं। इसके अलावा टीम इंडिया में चयन के लिए भी यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण समझा जाता है। इस बात में सच्चाई भी है। ऐसे कई खिलाड़ी आज टीम इंडिया में हैं, जिनका चयन आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन के चलते हुआ और आज काफी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ-साथ आईपीएल को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। मौका मिलने के बावजूद बार-बार टीम इंडिया आईसीसी ट्रॉफी से हाथ धो बैठती है और इसका ठिकरा आईपीएल के ऊपर मढ़ दिया जाता है। हम बताना चाहेंगे कि इस बात में भी सच्चाई है। हम आपको हाल के टीम इंडिया के प्रदर्शन के मद्देनजर बताएंगे कि कैसे आईपीएल ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव डाला है ? कोई भी मैच हो, एक आध बल्लेबाजों को छोड़कर सभी फिसड्डी साबित हो रहें हैं।

Indian Premier League | Photo: Social Media

मानों टेस्ट और वनडे क्रिकेट खेलना भूल गई  है टीम इंडिया

आपको पता होगा कि पिछले 10 सालों से भारतीय टीम कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। आखिरी बार साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, उसके बाद से कप्तान जरूर बदले लेकिन सूरत-ए-हाल वही रहा। पिछले कुछ साल ही में ही देख लीजिए कि भारतीय टीम ने कैसा प्रदर्शन किया है ? पहले एशिया कप, फिर टी20 वर्ल्ड कप और हाल ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के बल्लेबाज ऐसे खेल रहे थे जैसे कि टी20 के अलावा और कोई फॉर्मेट का अस्तित्व ही नहीं है। मानों टेस्ट और वनडे को खेलना भारतीय टीम भूल गई हो और ऐसा हो भी क्यों न। अगर किसी बल्लेबाज को आईपीएल से ही उतनी कमाई हो जाती हो जितना कि वो कई इंटरनेशनल मैच खेलकर भी नहीं कमा पाता है, उसके लिए तो आईपीएल की आदत लग ही जाएगी।

WTC Final 2023 | Photo: Social Media

फटाफट क्रिकेट खेलने की आदत और ऊपर से मैच का दबाव

आप ही सोचिए, फटाफट क्रिकेट खेलने की जिसको आदत हो गई हो वो लंबे फॉर्मेट के क्रिकेट में कैसे संयम रख पाएगा। और तो और अक्सर कोच और कप्तान द्वारा ये सुनने को मिलता है कि मैच का हमपर दबाव है। आखिर किस चीज का दबाव…और भी टीमें हैं जो फ्री होकर खेलती है। ऐसे में तो फिर ट्रॉफी जीतने का सपना भी दबाव में कहीं दब ही जाएगा। आपने भी गौर किया होगा कि इंटरनेशनल मैच में चोटिल खिलाड़ी आईपीएल के दौरान पूरी तरह से ठीक हो जाता है। पता नहीं आईपीएल के शब्द में कौन सा संगीत है जो चोटिल खिलाड़ियों के लिए थेरेपी का काम कर जाती है।

Team India, T20 | Photo: Social Media

महिला आईपीएल के बाद महिला क्रिकेट टीम का भी बुरा हाल

खैर, चलिए हो सकता है कि भारतीय पुरुष टीम के खिलाड़ी उतना सझम नही हैं कि आईपीएल के बाद अपने आप को संयमित रख सके, लेकिन क्या महिला क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा ही है ? आपको पता होगा कि इस बार पहली बार महिला आईपीएल टूर्नामेंट खेला गया। इसके पहले भारतीय खिलाड़ी फॉम में थे और मैच के दौरान काफी अच्छा भी कर रहे थे, लेकिन जैसे ही आईपीएल बीता, खिलाड़ियों ने अपना फॉम खो दिया। बता दें कि इस समय बांग्लादेश में भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 सीरीज खेला जा रहा है। वैसे तो ये सीरीज भारतीय टीम 3-1 से जीत चुकी है लेकिन बल्लेबाजों ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है। पिछले दो मुकाबले में भारत को कुल स्कोर क्रमश: 95 और 102 रहें हैं। स्मृती मंधाना, यास्तिका भाटिया, शेफाली वर्मा, जेमिमा, इन सभी खिलाड़ियों ने बहुत कम रन बनाए हैं। आईपीएल से पहले सभी ने काफी रन बनाए थे।

BAN-W vs IND-W : Photo: Social Media

क्रिकेटरों का फॉम खराब करने में आईपीएल की अहम भूमिका

ऐसे मे ये कहना गलत नहीं होगा कि पुरुष क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के साथ साथ अब महिला क्रिकेटरों का भी फॉम खराब करने में आईपीएल ने अहम भूमिका निभाई है। आगे खेले जाने वाले मैचों मे देखना होगा कि भारतीय टीम आईपीएल के उस खुमार को समाप्त कर पाती है कि नहीं, लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि फैंस से तो आईपीएल का खुमार उतर गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो सोशल मीडिया के जरिए फैंस ट्रॉफी के 10 साल के सूखे को याद न दिला रहे होते। खैर….

 

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