IED Blast In Jharkhand: झारखंड में दूसरे दिन भी हुआ IED विस्फोट, बाप-बेटे हुए शिकार

IED Blast In Jharkhand

IED Blast In Jharkhand: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान वन क्षेत्र में नक्सली गतिविधि जारी है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन आईईडी धमाका हुआ। जंगल में दातुन के पत्ते लेने गए दो ग्रामीण (पिता और पुत्र) नक्सलियों द्वारा रखे गए आईईडी बम के फटने से गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना टोंटो थाना क्षेत्र में स्थित रेंगधातु गांव की है। घटना के बाद घायल बच्चा जंगल से निकला और उसे इलाज के लिए चाईबासा ले जाया जा रहा है जबकि उसके घायल पिता को जंगल से बाहर निकालने के प्रयास में पुलिस लगी हुई है।

आईईडी विस्फोट में पिता-पुत्र घायल

इस घटना की पुष्टि खुद जिला पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने की है। अधिकारियों के मुताबिक, टोंटो थाना क्षेत्र के रेंगाधातु गांव निवासी जेना कोड़ा और उसका 6 साल का बेटा रायमुल कोड़ा टोले के पास जंगल में दातुन के पत्ते लेने गए थे। इसी दौरान उनका पैर नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाए गए आईईडी पर जा लगा। आईईडी विस्फोट में पिता-पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल पुत्र जैसे-तैसे जंगल से बचकर बाहर निकला लेकिन पिता अभी भी जंगल में है जिसे पुलिस बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। वहीं पुलिस ने घायल बच्चे को चाईबासा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है।

सर्च ऑपरेशन में लगी है कई टीमें

देर रात होने के कारण घायल ग्रामीण को जंगल से निकालने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। आपको बता दें कि कोल्हान के जंगल में कई महीनों से नक्सलियों की तलाश जारी है। भाकपा माओवादी नक्सली संगठन मिसिर बेसरा, अनमोल, मोचू, चमन, कंडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन सहित उनके दल के सदस्यों के कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए जाने की सूचना पर चाईबासा पुलिस, कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर और इस इलाके में पिछले कई महीनों से सीआरपीएफ की टीमों द्वारा लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

सर्च ऑपरेशन में दर्जनों जवान हुए घायल

नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जंगल में लगाए गए IED प्रेशर बमों की तलाशी के दौरान अब तक कई जवान घायल हो चुके हैं। इसके अलावा, टोंटो, गोइलकेरा और मुफ्फसिल थाना क्षेत्रों के कुछ लोग जो जंगल में जलाऊ लकड़ी लेने, लकड़ी चुनने और दांत तोड़ने गए थे, आईईडी दबाव बमों द्वारा मारे गए थे।

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