Hinduism : ये केवल धर्म ही नहीं जीवन जीने का तरीका भी

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Hinduism : सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन है। इसकी जड़े हिंदुस्तान में है। सनातक धर्म के बारे लोग ये भी कहते हैं कि सनातन धर्म जीवन  जीने का तरीका बतलाता है। ‘सनातन’ जिसका अर्थ है आदी और अनंत। एक ऐसा धर्म जो आदि एवं अनंत है। सनातन धर्म जैसी ख़ूबसूरती और कही देखने को नहीं मिलती। ये धर्म सिखाता है इंसानियत, सबको साथ लेकर चलना, सबकी मदद करना, हर किसी को इज़्ज़त देना और धर्म का ऊचित अर्थ समझना। सनातन धर्म को समझ पाना इतना आसान नहीं है। ये एक ऐसी पहेली है जिसमे आम व्यक्ति उलझता ही चला जाता है। सनातन को प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई एक ग्रंथ नहीं बल्कि अनेकों ग्रंथ है जिसमे श्रीमद भगवत गीता, शिव पुराण, वेद, उपनिषद् सहित अन्य कई ग्रंथ। हमारे वेद तो इतने प्राचीन है की आज तक ये पहेली कोई नहीं सुलझा पाया की इनका जन्म कब हुआ था और ये किसके द्वारा रचित है। आज की पीढ़ी हमारे इस अमूल्य ज्ञान और इतिहास को पौराणिक कथाओ का दर्जा देने में एक मिनट नहीं लगाती। फिर चाहे वो श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाना हो या महाभारत युद्ध के प्रमाण मांगना। भारतवर्ष देव भूमि है और अनंत काल तक रहेगी।

 

 

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लेकिन वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित हो कर कई उदारवादी अपने ही इतिहास पे प्रश्न करते हैं और इसका प्रमाण मांगते है। उदाहरण के तौर पर भारत में श्री कृष्ण के पैदा होने पर अनेको सवाल उठाये गए।  इसी तरह के सवाल भगवान श्रीराम के मुद्दे पर भी उठाए गए। एक ऐसा धर्म जो सबको साथ लेकर चलना सिखाता है आज लोग उसी धर्म की जड़ो को झुठलाने की कोशिश करते हैं पर उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ती है। क्या इसी को ‘मॉडर्निज़्म’ कहते है ? क्यों हम अपने ही संस्कृति से दूर चले जा रहे है ? आखिर कब तक हमे अपने ही देश में जहा सनातन धर्म की जड़े मौजूद है वही पर अपने प्रभु के होने का प्रमाण देना होगा ? क्या ये हमारी संस्कृति है ? जिसने इंसान को बनाया इंसान उसी के होने पर संदेह करता है। बॉलीवुड के भी ऐसे कई चमकते सितारे है जिन्होंने सनातन धर्म के रीति – रिवाज़ो पर सवाल खड़े किये। इस बात पे गौर करना आवश्यक है की सनातन धर्म के अमूल्य ज्ञान के बिना जिंदगी जीने का सवाल पैदा ही नहीं होता। हमारे ग्रंथ हमें यही सिखाते है। सनातन धर्म केवल धर्म नहीं बल्कि जीने का तरीका है। इसलिए हमे गर्व होना चाहिए हमारे सत्य सनातन धर्म और इसके अमूल्य ज्ञान पर।

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