दास्तान ए गुड्डू मुस्लिम : अतीक अहमद का गुर्गा कैसे बना ‘बमबाज’, जानिए क्यों अब तक है फरार?

Guddu Muslim Story
Guddu Muslim Story : उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही एक नाम चारों तरफ सुर्खियों में छाया हुआ है। पुलिस गुड्डू मुस्लिम को असद अहमद, अतीक अहमद और अशरफ अहमद की मौत के बाद भी ढूंढ रही है। लेकिन यूपी पुलिस और एसटीएफ की तमाम कोशिशों के बावजूद गुड्डू के ठिकाने का पता नहीं लगा पा रहा है।

आपको बता दें कि पूर्वांचल के इस (Guddu Muslim Story) शातिर बदमाश की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि कौन है गुड्डू मुस्लिम, जिसे अंडरवर्ल्ड की दुनिया में ‘बमबाज’ कहा जाता हैं, जिस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा है।

यह भी पढ़ें- दास्तान ए शाइस्ता परवीन : पुलिसवाले की बेटी कैसे बनी माफिया अतीक अहमद की पत्नी, जानिए पूरी कहानी

अतीक-अशरफ की हत्या में है गुड्डू का हाथ!

बताया जाता है कि गुड्डू बंदूक की जगह बम से निशाना लगाता है। उमेश पाल की हत्या में भी इसी (Guddu Muslim Story) कुख्यात अपराधी ने बम बनाए थे और बेखौफ होकर फेंके थे। इसके अलावा जब अतीक और उसके भाई अशरफ को गोली मारी गई तो उससे कुछ सेकेंड पहले अशरफ कैमरे के सामने गुड्डू मुस्लिम का नाम लेते हुए कुछ कहना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही तीन बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी, जिसके बाद दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। तो ऐसे में पुलिस को शक है कि कहीं गुड्डू मुस्लिम ने ही तो नहीं माफिया अतीक और अशरफ की हत्या करवाई थी। सवाल तो कई सारे है लेकिन जवाब धुंधले है।

जानिए कैसे रखा अपराध की दुनिया में कदम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम गैंगस्टर अतीक अहमद का एक खास शूटर था, जो उसका सारा नेटवर्क संभालता था। साथ ही ये भी कहा जाता है कि गुड्डू ने यूपी के कई बड़े-बड़े माफिया गिरोहों के लिए भी काम किया है। बताया जाता है कि प्रयागराज (पूर्व इलाहाबाद) में जन्मा गुड्डू मुस्लिम ने महज 15 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था।

शुरुआत में वह (Guddu Muslim Story) छोटी-मोटी चोरियां किया करता था। जैसे कि स्कूल में लूट और रंगदारी। लेकिन दिन प्रतिदिन उसकी बदमाशियां बढ़ती जा रही थी, जिसके बाद उसके घरवालों ने उसे आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ भेजा दिया। पर यहां भी वह रुका नहीं। धीरे-धीरे गुड्डू ने कुछ ही समय में इसे अपना व्यवसाय बना लिया। फिर उसने कुछ बाहुबलियों के साथ हाथ मिलाया और वहां बम बनाना सीखा। धीरे-धीरे गुड्डू बम बनाने में इतना माहिर हो गया कि बड़े-बड़े आपराधिक मामलों में उसका नाम जुड़ने लगा। कहा जाता है कि उसने माफिया मुख्तार अंसारी से लेकर प्रकाश शुक्ला, अभय सिंह और धनंजय सिंह के साथ करीब 2 दशक तक काम किया है।

हत्या के मामले से हुआ था बरी 

खबरों के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim Story) उस समय सबसे पहले सुर्खियों में आया जब उसने 2 लोगों के साथ मिलकर साल 1997 में लखनऊ के मशहूर लामार्टिनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे गिरफ्तारी कर लिया गया और जेल भेज दिया गया। हालांकि गुड्डू ने मान लिया था कि उसने ही ये मर्डर किया था। लेकिन कोर्ट में ये साबित नहीं हो सका, जिसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को छोड़ दिया।

माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला को मानता था गुरु

कहा जाता है कि इसके बाद उसकी (Guddu Muslim Story) मुलाकात अपराध की दुनिया के सबसे खूंखार और यूपी के सबसे चर्चित माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला से हुई, जिसके बाद कुछ ही समय में वह माफिया का सबसे करीबी बन गया और उसे अपना गुरु मानने लगा। फिर एक दिन श्रीप्रकाश शुक्ला की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई। इसके बाद गुड्डू की मुलाकत गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा से हुई।

बताया जाता है कि परवेज टाडा का संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से था, जो जाली नोटों की तस्करी किया करता था। गुड्डू, परवेज के लिए बम बनाया करता था और उसी ने उसकी मुलाकात बिहार के गैंगस्टर उदयभान सिंह से करवाई थी। इसके बाद वह उदयभान सिंह के लिए काम करने लगा। इस समय तक गुड्डू अपराध की दुनिया का जाना माना चेहरा बन चुका था।

माफिया अतीका का था दाहिना हाथ

साल 2001 तक उस पर कई मुकदमे दर्ज थे और पुलिस लगातार उसकी (Guddu Muslim Story) तलाश कर रही थी, जिसके बाद गोरखपुर पुलिस ने पटना से उसे गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। कहा जाता है कि उस वक्त माफिया अतीक अहमद ने ही उसे जेल से बाहर निकाला था। इसके बाद गुड्डू ने अतीक के लिए सालों काम किया और वह अतीक अहमद का दाहिना हाथ बन गया। माफिया अतीक अहमद की आड़ में गुड्डू मुस्लिम ने कई बड़े-बड़े अपराध को अंजाम दिया है। इसके अलावा वर्ष 2005 में बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्याकांड में भी अतीक अहमद के साथ-साथ गुड्डू मुस्लिम का नाम शामिल था।

इसके अलावा कहा जाता है कि अब भी 54 साल के गुड्डू मुस्लिम की उत्तर प्रदेश के माफियाओं के साथ-साथ बिहार के माफियाओं से भी अच्छी दोस्ती है। इसलिए अब तक वह पुलिस के हाथ नहीं लगा है। बहरहाल अब वह पुलिस के एनकाउंटर का शिकार होगा या उसके हाथों में हथकड़ी लगोगी। ये सब तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।

यह भी पढ़ें-दास्तान ए अतीक: जानिए कहाँ से शुरू हुआ पूरा मामला ?

Exit mobile version