“उम्मीद है कि भारत….” राहुल गांधी की सांसदी छिनने पर सामने आया जर्मनी का बयान, जानें क्या कुछ कहा?

Germany on Rahul Gandhi Disqualification

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी छिनने पर देश की राजनीति में तो सियासी बवाल मचा हुआ है ही। इसके अलावा विदेशों में भी ये मामला चर्चाओं में आ गया है। राहुल की सांसदी जाने पर विदेशों से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। थोड़े दिन पहले अमेरिका की ओर से इस पर अपनी बयान सामने आया था। अमेरिका ने कहा था कि वो राहुल गांधी के मामले पर नजर रखे हुई है और वाशिंगटन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत लोकतांत्रिक सिद्धांतों को लेकर साझा प्रतिबद्धता पर भारत के साथ काम करता रहेगा।

जर्मनी का सामने आया बयान

वहीं अब इस मामले पर जर्मनी की ओर से भारत को ‘लोकतंत्र’ को लेकर ज्ञान देने की कोशिश की गई। दरअसल, जर्मनी ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को लागू किया जाना चाहिए।

जर्मनी की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने भारत विपक्षी नेता राहुल गांधी के विरुद्ध फैसले और संसद सदस्यता खत्म होने के मामले का संज्ञान लिया है। जितना हम जानते हैं उसके अनुसार मिस्टर गांधी फैसले के खिलाफ अपनी करने की स्थिति में है। प्रवक्ता आगे कहती हैं कि  इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहता है और क्या उन्हें मिले जनादेश के निलंबन का कोई आधार है? जर्मनी ये उम्मीद करता है कि इस मामले में ‘न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत’ लागू किए जाएंगे।

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नहीं थम रहा राहुल को लेकर बवाल

गौरतलब है कि ‘मोदी सरनेम’ वाले चार साल पुराने मानहानि मामले में बीते दिनों राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें दोषी पाते हुए मामले में 2 साल की सजा सुनाई। इसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता भी छिन ली गई है। आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसको लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था, जिस पर अब सूरत कोर्ट का फैसला आया है।

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