न्यू-ईयर से पहले दिल्ली वासियों को लगा तगड़ा झटका, CNG के दाम फिर बढ़े

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CNG Price : दिल्ली में प्रदुषण एवं बढ़ते पेट्रोल के दामों के चलते अधिकतर गाड़ियां सीएनजी पर चलती हैं। सरकार भी इसपर सख़्ती बरती है लेकिन दिल्ली में सीएनजी भी लगातार महंगी होती जा रही है। लोग पहले भी परेशान थे और अब भी परेशान हैं। सीएनजी गाड़ियों के बावजूद पैसे नहीं बच रहे। दिल्ली में सीएनजी की कीमत बढ़कर 79.56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। नई दरें 17 दिसंबर 2022 (शनिवार) की सुबह छह बजे से लागू हो गईं हैं।

Sections of auto & taxi drivers in Delhi call for a two-day strike today over CNG price hike; visuals from New Delhi railway station

CNG rates are increasing. In a month around Rs 30-32 per Kg has been increased. We're on strike today and tomorrow: Sandeep Kumar, a taxi driver pic.twitter.com/0sLwOYiKEr

— ANI (@ANI) April 18, 2022

1 साल में करीब 73 फ़ीसदी सीएनजी हुआ महंगा

शुक्रवार तक दिल्ली में सीएनजी 78.61 रुपये प्रति किलोग्राम थी लेकिन अब इसमें 95 पैसे प्रति किलोग्राम की बृद्धि हो गई है। कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। दिल्ली के अलावा एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे इलाकों में सीएनजी की कीमत 82.12 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है जबकि गुरुग्राम में यह 87.89 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

 

इंक्रा के आंकड़े क्या कहते हैं ?

रेटिंग एजेंसी इंक्रा के अनुसार बीते एक वर्षों के दौरान सीएनजी करीब 73 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। कीमतों में बढ़ोतरी से व्यावसायिक वाहन मालिकों के साथ-साथ निजी रूप से सीएनजी गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले भी खासा परेशान हैं। पिछले 10 महीनों में सीएनजी की कीमत 23.55 रुपए तक बढ़ गई है। वहीं अप्रैल 2021 से लेकर अब तक सीएनजी की कीमत में 80 फीसदी तक बढ़ चुकी है। सीएनजी के दाम में तेजी के कारण आपके लिए सफर महंगा हो जाएगा। कैब, ऑटो के किराए में बढ़ोतरी हो सकती है।

बढ़ती कीमतों के पीछे ये है वज़ह

बढ़ती कीमतों के पीछे की वजहों को देखें तो रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चताओं के बीच ग्लोबल मार्केट में प्राकृतिक गैस की कीमतों में बड़ा इजाफा इसके प्रमुख कारणों में से एक है। जानकारों के मुताबिक कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब महज नौ से 10 फीसदी वाहनों में सीएनजी का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि पूर्व में करीब 16 प्रतिशत वाहन सीएनजी से चल रहे थे। इन बातों के चलते अब लोग सीएनजी वाहनों की तुलना में डीजल संचालित वाहन इस्तेमाल करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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