Air India Pee-gate Case: दिल्ली HC का निर्देश: आरोपी शंकर मिश्रा की सुनवाई के लिए DGCA बनाए समिति

Air India pee gate case

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयर ट्रैवल बैन पर शंकर मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अपीलीय समिति के गठन का आदेश दिया है। गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) को दो सप्ताह के भीतर समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है, जिससे पेशाब मामले के आरोपी को एयर इंडिया द्वारा अनियंत्रित यात्री घोषित करने और उड़ान भरने के लिए प्रतिबंध लगाने के खिलाफ जांच की जा सके।

अपीलीय समिति बनाने का निर्देश

आपको बता दें कि एयर इंडिया पेशाब कांड के आरोपी शंकर मिश्रा को चार महीने के लिए उड़ान भरने से रोक दिया गया और उन्हें ‘उग्र यात्री’ करार दिया गया है। इसी मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपील पर न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने योग्यता पर निर्णय व्यक्त किए बिना याचिकाओं को खारिज कर दिया और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को शंकर मिश्रा की अपील पर विचार करने के लिए एक अपीलीय समिति बनाने के लिए कहा। अदालत ने DGCA अपीलीय समिति को मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के लिए 20 अप्रैल को अपनी पहली बैठक करने को कहा है। इसने याचिकाकर्ता मिश्रा को दो सप्ताह में अपील दायर करने का भी निर्देश दिया।

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मिश्रा के खिलाफ मामला यह है कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया की यात्रा पर एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब किया था। लेकिन जनवरी में उन्हें निचली अदालत से जमानत मिल गई और फिलहाल वह जमानत पर रिहा हैं। हाल ही में एयर इंडिया पेशाब मामले के 72 वर्षीय पीड़ित ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें अनुरोध किया गया कि अदालत नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) और एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों के दुराचार की घटनाओं के साथ निपटने के लिए नियमों को तैयार करने का निर्देश दें।

क्या है पूरा मामला? 

एयर इंडिया के पेशाब का मामला 26 नवंबर, 2022 को उड़ान एआई-102 पर हुई एक घटना से संबंधित है। आरोप ये लगा है कि 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट में नशे में धुत शंकर मिश्रा ने बिजनेस क्लास में बैठी एक महिला यात्री पर पेशाब कर दिया था। आगमन के तुरंत बाद एयरलाइन अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। आरोपी शंकर मिश्रा को 6 जनवरी को बैंगलोर में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी के कई प्रावधानों और विमान अधिनियम की धारा 23 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में आरोपी को जमानत दे दी गई।

एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कैंपबेल विल्सन का दावा है कि एयरलाइन ने चालक दल की विफलताओं को देखने और समस्या के तत्काल समाधान को रोकने वाले किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था। कथित अपराधी पटियाला कोर्ट से जमानत मिलने के बाद फिलहाल जमानत पर रिहा है, जबकि जनवरी में उस पर एयर इंडिया ने चार महीने का निलंबन लगाया था।

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