सिसोदिया को मिलेगी जमानत या इस बार भी हाथ रहेंगे खाली? फैसला थोड़ी देर में…

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दिल्ली शराब नीति केस से पीछा छुड़ाना दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के लिए आसान नहीं जान पड़ता है। इस समय सिसोदिया तिहाड़ जेल की सेल नंबर-1 में रखे गए हैं जिनकी जमानत याचिका पर आज यानी 21 मार्च को सुनवाई होनी है। इसके लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है। 22 मार्च तक ईडी की हिरासत में सिसोदिया को रहना था लेकिन उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, इस दौरान सीबीआई केस में उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर 3 अप्रैल तक कर दिया गया है।

आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस में एक मामला मनी लॉन्ड्रिंग का भी है जिसमें ईडी ने 9 मार्च को सिसोदिया को हिरासत में लिया था। सिसोदिया और सत्येंद्र जैन दोनों को तिहाड़ जेल में ही रखा गया है। ध्यान देने वाली बात है कि सिसोदिया जब से हिरासत में लिए गए हैं तब से ही उनकी जमानत याचिका खारिज होती जा रही है। वहीं उनकी जमानत से जुड़ी याच‍िका पहले से ही 21 मार्च, 2023 को लिस्ट कर दिया गया था।

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सिसोदिया ने दी ये दलील

सिसोदिया की तरफ से जमानत याचिका में कहा गया है कि हिरासत में रखने का सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा, ऐसा इस वजह से क्योंकि सभी बरामदगी पहले की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि CBI द्वारा बुलाने पर वह जांच में शामिल हुए। इस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। जानकारी बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने सिसोदिया को हिरासत में लिया था। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंस‍ियां सीबीआई और ईडी दोनों ही सिसोदिया को हिरासत में लेकर अपनी अपनी जांच को आगे बढ़ा रहे हैं।

पूरे मामले पर ध्यान दें तो मामला शराब घोटाले का है जिसका संबंध 2021 में पेश की गई दिल्ली की नई आबकारी नीति से जुड़ा है। साल 2021 में केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत कुछ नियम तय किए थे जिसे लेकर ऐसे आरोप लगाए जाते हैं कि इन नियमों की आड़ में घोटाला किया गया, लेकिन जब विवाद बढ़ा तो नीति को रद्द कर दिया गया। नयी नीति लाने को लेकर शराब की कालाबाजारी को रोकना मुख्य उद्देश्य बताया गया था। बताया गया था कि इसमें सरकार का शराब की बिक्री से कोई लेना देना नहीं था। केवल निजी दुकानों से ही इसे बेचने की अनुमति दी गयी थी।

लेकिन पूरे मामले को जब खंगाला जाने लगा और जांच तेज की गई तो कई ऐसी बातें सामने आईं जो कि संदेह के घेरे में थीं। वहीं, मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख थे ऐसे में घोटाले करने के आरोपों से अब उन्हें दो चार होना पड़ रहा है। अब देखना होगा की सिसोदिया को लेकर कोर्ट क्या फैसला सुनाती है।

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