Chief Electoral Officer of Delhi R. Alice Vaz: दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले चुनाव आयोग ने वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर आर एलिस वाज को दिल्ली का मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। पिछले हफ्ते उनकी नियुक्ति को आयोग ने मंजूरी दी थी। हालांकि, इस फैसले से आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल खुश नहीं होंगे, क्योंकि आर एलिस वाज वही अधिकारी हैं, जिन्होंने दिल्ली सरकार के विज्ञापन मामले में AAP का संयोजक होने के नाते अरविंद केजरीवाल को पिछले साल 163 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा था। दिल्ली सरकार ने उन पर योगशाला कार्यक्रम को रोकने का भी आरोप लगाया था।
पी कृष्णमूर्ति की जगह लेंगी आर एलिस वाज
2005 बैच की आईएएस अफसर आर एलिस वाज फिलहाल दिल्ली के उच्च शिक्षा निदेशालय में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। वह पी कृष्णमूर्ति की जगह लेंगी जिन्हें अगस्त 2023 में दिल्ली का सीईओ नियुक्त किया गया था। वह अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर की अधिकारी हैं। वह मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली हैं और आईएएस बनने से पहले वह नर्स के रूप में भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने चेन्नई के एमजीआर मेडिकल से नर्सिंग में ग्रैजुएशन किया था। बाद में उन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया। उनके पति एसएस यादव आईपीएस अफसर हैं।
एलिस वाज अलग-अलग राज्यों में कई पदों पर काम कर चुकी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग पश्चिम बंगाल में हुई थी। उसके बाद उन्होंने पुदुचेरी में लंबे समय तक सेवा दी। 2020 में उनका दिल्ली तबादला हुआ और उन्होंने लेबर डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसके अलावा वह दिल्ली जल बोर्ड में जॉइंट सेक्रटरी भी रह चुकी हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम ने दिलाई पहचान
आर. एलिस वाज का कार्यकाल अभी तक काफी अच्छा रहा है। अपने पद पर बने रहते हुए उन्होनें कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जो जनता के हित में है। दिल्ली के लोगों के लिए उन्होनें कई फैसले लिए जिससे जनता को काफी लाभ हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम ने उन्हें पहचान दिलाई जिसके बाद उन्हें दिल्ली का मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है।
बता दें कि इससे पहले आर. एलिस वाज सचिव (टीटीई) के पद पर तैनात थीं जिनके पास सचिव (उच्च शिक्षा) और एमडी (डीसीएचएफसी) का अतिरिक्त प्रभार मौजूद था। साल 2022 में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें मौजूदा पद पर स्थानांतरित कर दिया था। फिलहाल वह दिल्ली के उच्च शिक्षा निदेशालय में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
ईमानदार छवि के लिए जानी जाती हैं आईएएस ऑफिसर
आर एलिस वाज ईमानदार छवि की हैं। अपने पद पर रहते हुए उन्होनें ईमानदारी की मिसाल पेश की है। इसके अलावा किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस या मीटिंग में समय पर पहुंचना उनका ट्रेडमार्क रहा है। वह समय की पाबंद है जिसके लिए उनकी काफी सराहना होती है। बताया तो ये भी जाता है कि वह किसी भी पदभार या काम को लेने में संकोच नहीं करतीं। पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम पूरा करती है। इन्हीं सभी का नतीजा है कि एलिस को चुनाव आयोग ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
बहादुरी और साहस के लिए भी जानी जाती हैं आर एलिस वाज
वह अपने बहादुरी और अदम्य साहस के लिए भी जानी जाती है। उन्होनें समय-समय पर दिल्ली सरकार के बड़े घोटालों की पोल खोली है। बिना सरकार से डरे वह गंभीर मामलों पर काफी सख्त और मुखर रही हैं। मालूम हो कि आर एलिस वाज ने ही पिछले साल दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रसार निदेशालय की सचिव के पद पर रहते हुए अरविंद केजरीवाल को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक प्रचार प्रसार करने के आरोप में 163 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा था। तब दिल्ली सरकार ने उन पर दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम को रोकने का आरोप भी लगाया था।
नोटिस में उन्हें 163.62 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया था। इसमें सरकारी विज्ञापन पर हुए मूल खर्च के साथ-साथ ब्याज भी शामिल था। आरोपों के मुताबिक, 31 मार्च 2017 तक दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 97 करोड़ रुपये राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च किए थे। इस पर ब्याज जोड़कर 163.63 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा गया था।
विज्ञापनों में सीएम, डेप्युटी सीएम और मंत्री की तस्वीरें छपी थीं। आम आदमी पार्टी ने सरकारी विज्ञापन की आड़ में राजनीतिक प्रचार-प्रसार के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उसने दूसरों राज्यों की सरकारों की तरफ से दिए गए विज्ञापनों का हवाला देकर आरोप को नकारा था।
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