पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से CBI ने 5 घंटों तक किए सवाल-जवाब, 300 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत से जुड़ा है मामला

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जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं। पुलवामा हमले को लेकर बीते दिनों मलिक का दिया गया बयान काफी सुर्खियों में छाया था। वहीं इसके अलावा पूर्व राज्यपाल रिश्वत मामले को लेकर भी विवादों में घिरे हुए हैं। शुक्रवार को इस मामले में CBI ने पांच घंटों तक उनसे पूछताछ की थी। सीबीआई की टीम ने यह पूछताछ उनके दिल्ली वाले आवास पर की। आपको बता दें कि ये पूछताछ राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के कथित रिलायंस जनरल इंश्योरेंस घोटाला मामले में हुई है। सीबीआई उनके जवाबों का मूल्यांकन करेगी और इसके बाद में आगे की कार्रवाई करेगी।

रिश्वत से जुड़ा है मामला

सत्यपाल मलिक ने एक बयान में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का गवर्नर रहते वक्त संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के एवज में रिश्वत की पेशकश की थी। पहले भी सीबीआई के द्वारा उनसे पूछताछ की जा चुकी है। गवर्नर पद से रिटायर होने के बाद मलिक ने ये बयान दिया था। जब दूसरी बार CBI ने सत्यपाल मलिक को पूछताछ के लिए नोटिस दिया था, तो उन्होंने कहा था कि मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं। शायद यही वजह है कि मुझे बुलाया गया है। उन्होंने कहा था कि किसान का बेटा हूं, मैं घबराऊंगा नहीं और सच्चाई के साथ खड़ा रहूंगा।
बताया गया कि सत्यपाल मलिक से पूछताछ आरके पुरम के सोम विहार स्थित आवास पर शुक्रवार करीब पौने 12 बजे सीबीआई ने पूछताछ शुरू की थी। उनसे करीब 5 घंटे तक अफसरों ने सवाल किए और घोटाले के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा।

2018 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे मलिक

आपको बता दें कि साल 2018 में सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया था। जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया, तब सत्यपाल मलिक ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थ। इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेजा गया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इस मामले में ही सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है। मलिक ने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद उनके पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आई थीं। मलिक ने कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि ये एक घोटाला है। मैंने उसके अनुरूप ही दोनों डील्स को रद्द कर दिया।

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