उमेश पाल से जुड़ा 2007 का वो मामला, जिसके चलते यूपी लाया जा रहा है माफिया Atiq Ahmed

atiq ahmed on umesh pal kidnapping case

माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed Case Update) का हर दांव फेल हो गया। उसे आखिरकार गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है। रविवार शाम को यूपी पुलिस की एक टीम अतीक अहमद को साबरमती जेल से लेकर रवाना हो गई। उसका काफिला अभी बीच रास्ते में हैं और सोमवार शाम तक इसके प्रयागराज पहुंचने की संभावना हैं।

उमेश पाल की हाल ही में दिनदहाड़े हत्या हुई है और उनके हत्यारे अभी फरार चल रहे हैं। अतीक अहमद को उमेश पाल से जुड़े ही एक मामले में प्रयागराज लाया जा रहा है, जहां कोर्ट में उसकी पेशी होगी। हालांकि ये मामला उमेश पाल की हत्या से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये उनकी किडनैपिंग से संबंधित 16 साल पुराना केस है, जिस पर अब प्रयागराज कोर्ट अपना फैसला सुनाने जा रहा है।

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उमेश पाल की किडनैपिंग से जुड़ा है मामला

दरअसल, साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण हुआ था और इसका आरोप अतीक अहमद (Atiq Ahmed Case Update) और उसकी गैंग पर ही लगा था। पूरा मामला कुछ ऐसा है कि साल 2005 में राजू पाल की हत्या हुई थी। वो तब बसपा के विधायक थे और प्रयागराज की सड़कों पर उन्हें दिनदहाड़े गोली मारी गई थी। इस मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे।

28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण किया गया था। तब उन पर गवाही से पलटने का दबाव बनाया गया। अतीक ने उमेश पाल के साथ खूब मारपीट की थी। साथ ही हलफनामे पर दस्तखत भी करवा लिए थे। फिर अगले दिन उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दी। हलफनामा में लिखा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और न ही उसने किसी को वहां देखा था।

वहीं जब साल 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की सरकार बनी तो स्थिति बदली। इसके बाद उमेश ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कुल 11 लोगों को नामजद किया गया जिसमें अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नाम भी शामिल था।

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अपनी शिकायत में उमेश ने कहा था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद (Atiq Ahmed Case Update) और उसके भाई अशरफ ने अपने साथियों के साथ मिलकर उठा लिया था और अपने दफ्तर ले गया। वहां उमेश को जमकर मारा-पीटा गया और गवाही न बदलने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। 24 फरवरी 2023 को जब उमेश पाल की हत्या हुई तब वो इसी केस में पैरवी कर लौट रहे थे। अब अदालत 28 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुनाने जा रही हैं।

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