भारत में हुआ बटन का आविष्कार, जानिए क्या है कहानी

Button Invention

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Button Invention: दुनियाभर में ज्यादातर लोग शर्ट पहनते है। लगभग हर शर्ट में बटन होता है। हालांकि कई लोगों को ये सवाल होता है कि बटन गोल ही क्यों होते हैं ..? इनका आविष्कार कब, कहां और कैसे हुआ ..? इसके अलावा किस देश में सबसे ज्यादा इसका आयात और निर्यात होता है ..? कहां सबसे ज्यादा बटन बनाए जाते हैं ..?

कैसे भारत में बना बटन

बटन का आविष्कार किसी और देश में नहीं अपने ही देश में हुआ था। ईसा से दो हजार वर्ष पहले इसका आविष्कार भारत में हुआ था। आज के समय में इस्तेमाल में लाई जाने वाली कई चीजों का आविष्कार ईसापूर्व में हुआ था। इतिहासकारों के मुताबिक, सबसे पहले इसका इस्तेमाल सिंधु घाटी की सभ्यता में हुआ था। आभूषण के तौर पर हड़प्पावासी इसका प्रयोग किया करते थे। हालांकि तब ये गोल के बजाय ज्यामितीय आकार के हुआ करते था। उस समय लकड़ी या पत्थर के बटन हुआ करते थे, जिसे लोग खुद बनाया करते थे। लेकिन अब लोहे, लकड़ी, प्लास्टिक और कई मूल्यवान धातु के बटन बनाए जाते हैं।

ये देश है सबसे बड़ा बटन का निर्यातक

बता दें कि 13वीं सदी में पहली बार जर्मनी ने बटन को व्यापारिक तौर पर विकसित किया। इसी सदी में पहली बार इसमें धागा के लिए छेद किया गया। धीरे-धीरे इसका प्रोयग पूरे यूरोप में होने लगा। इस वक्त दुनिया में बटन का 60 फीसदी उत्पादन, चीन के झेजियांग प्रांत के कियोतु शहर में होता है। इसी वजह से इस शहर को वर्ल्ड कैपिटल ऑफ वर्ल्ड के नाम से भी जाना जाता हैं। माना जाता है कि यहां पर हर वर्ष 15 अरब के बटन का उत्पादन होता है। चीन, दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक भी हैं। चीन के बाद इसका सबसे ज्यादा निर्यात हांगकांग, इटली, जापान और जर्मनी करता है।

इसलिए गोल होता है बटन

ये जरूरी नहीं है कि बटन गोल ही हो। इनका आकार चौकोर, तिकोना और किसी भी रूप में हो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल गोल में ही होता हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल आसान होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा व्यापार होने वाले उत्पादों में बटन 776वें नंबर पर आता है। वर्ष 2019 की ग्लोबल रिपोर्ट के मुताबिक, बटन का आयात करने वाले देशों में भारत चौथे नंबर पर हैं।

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