Bihar: आनंद मोहन की रिहाई पर मचा सियासी घमासान, घिर गए सीएम नीतीश कुमार, जानें पूरा माजरा

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बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। जी हां, बिहार सरकार द्वारा आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों को जेल से रिहा करने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। हालांकि उनकी रिहाई को लेकर एक तरह से पूरे देश की राजनीति में ही बहस छिड़ गई है। इसको लेकर बिहार की नीतीश सरकार सवालों के घेरे में है।

रिहाई पर मचा बवाल

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। BJP प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और कहा है कि इससे नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं मिलने वाला। उन्होंने कैदियों की रिहाई पर बयान देते हुए कहा कि जिन 27 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया है उसमें 13 MY समीकरण वाले हैं, जो RJD का आधार वोट है। इसको ध्यान में रखकर ही फैसला लिया गया है। RJD के दबाव में लिया गया फैसला है, लेकिन इससे नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं पहुंचायेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आपके सभी करतूत को जनता देख रही है। बिहार में लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसको लेकर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि आनंद मोहन ने एक दलित अधिकारी की हत्या की थी। उनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा।

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क्यों सवालों के घेरे में नीतीश कुमार? 

दरअसल, आनंद मोहन राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ये माना जा रहा है कि उनकी रिहाई से सीएम नीतीश कुमार अपने सियासी हित साधने की फिराक में है। आपको बता दें कि आनंद मोहन को नीतीश सरकार द्वारा नियमों के संशोधन का फायदा मिला है। हाल ही में नीतीश सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लेते हुए किसी सरकारी अधिकारी की हत्या को भी साधारण मर्डर के जुर्म में शामिल कर दिया है। इसके चलते ही उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो पाया है।

डीएम की हत्या से जुड़ा है मामला

आपको बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या के आरोप में आनंद मोहन उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इस मामले में उन्हें फांसी की सजा भी हुई थी। हालांकि ऊपरी अदालत द्वारा सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वैसे तो आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं, लेकिन मामला डीएम की हत्या से जुड़ा होने की वजह से उनको राहत नहीं मिल रही थी। गौरतलब है कि 5 दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या हुई थी।

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