अरोमा थेरेपी : इसकी मदद से करें खुद को तनाव मुक्त

Aromatherapy

Aromatherapy

Aromatherapy :  अरोमा का अर्थ “सुगन्ध”, थेरेपी यानी ट्रीटमेंट। सुगन्ध से रोग का इलाज करने के तरीके को अरोमा थेरेपी कहा जाता है। एरोमेटिक थेरेपी शरीर को फुर्तीला और मांसपेशियों को आराम पहुँचता है।

लेवेंडर और चमोमिला ऑयल्स दिमाग में सबसे पहले आते है क्यूंकि ये ऑयल्स आराम देने की श्रेणी में सबसे आगे है। और तो और गले में खराबी से लेकर शारीरिक थकान तक , सिरदर्द से ले कर सोने तक ऐसे भिन्न भिन्न बीमारियों से निजात पाने में मदद मिलता है।

अरोमाथेरेपी के प्रभाव क्या हैं?

 

अरोमाथेरेपी का उपयोग तनाव और चिंता को दूर करने के लिए किसी भी रूप में किया जा सकता है। यह तंत्रिका तंत्र, मन को शांत करता है, और रक्तचाप को कम करता है। नींद पूरी होने से हमारा दिमाग वसे ही शांत रहता है। इसीलिए अनिद्रा पीड़ित इसका इस्तेमाल जरूर करे।

मिश्रित ऑयल्स को आप गरम नहाने के पानी में, स्प्रे बोतल, रोलोन्स, के दवारा उपयोग में लाएं। इसके साथ ही पेट में ऐंठन, सिरदर्द, गर्दन, घुटने और पीठ दर्द सहित हल्के से मध्यम दर्द के इलाज और राहत के लिए अरोमाथेरपी एक लोकप्रिय तरीका बनता जा रहा है।

 

अरोमाथेरेपी उपचार कैसे काम करते हैं?

प्रत्येक आवश्यक तेल के अपने अद्भुत उपचार गुण, उपयोग और लाभ हैं। एक सहक्रियात्मक मिश्रण बनाने के लिए आवश्यक तेलों का संयोजन और भी अधिक लाभ देता है।

 

अरोमाथेरेपी के लाभ:     अरोमाथेरेपी के कई लाभ हैं।

क्लेरी सेज सरू नीलगिरी,   सौंफ,  जेरेनियम, अदरक,  हेली,  क्राइसम,  लैवेंडर,  नींबू,  लेमनग्रास,  मंदारिन,  रोइल,  पचौली,  पेपरमिंट,  रोमन,  कैमोमाइल, गुलाब,  मेंहदी,  चाय,  पेड़,  पशु चिकित्सक और यांग।

आप आवश्यक तेलों का उपयोग किसी भी तरीके से कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, बॉडी लोशन में तेल को मिला कर लगा सकते है । इन ऑयल्स को आप फेस टोनर, शैम्पू, कंडीशनर, लिक्विड सोप, बॉडी वाश, फेस वाश, या माउथ वाश, टूथपेस्ट इत्यादि उत्पाद में मिला के आप इस्तेमाल करें ।

 

इसके उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव :

 

Exit mobile version