दिन के अनुसार तिलक लगाने का है अपना महत्त्व

Tilak

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Tilak Benefits : हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का अपना धार्मिक महत्त्व हैं। तिलक को ईश्वर की पूजा का अभिन्न अंग माना जाता है। सनातन परंपरा के अनुसार, प्रत्येक देवी-देवताओं की पूजा में अलग-अलग प्रकार का Tilak लगाया जाता है। देवी-देवताओं के श्रृंगार के लिए प्रयोग में लाय जाने वाले तिलक को ईश्वर के महाप्रसाद के रूप में भी माना जाता है। कहा जाता है कि पवित्र तिलक को हमेशा स्नान और ध्यान करने के बाद लगाना चाहिए। दोनों भौहों के बीच उत्तर दिशा की ओर मुख करके तिलक लगाना चाहिए।

तिलक लगाने का महत्त्व

भगवान की पूजा में Tilak को ईश्वर का प्रसाद माना जाता है। मस्तक पर तिलक लगाने से ईश्वर की कृपा तो बनी रहती ही है साथ ही व्यक्ति का मन भी शांत बना रहता है। तिलक के शुभ प्रभाव से पूरे दिन शरीर को सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान होती है। पूजा में प्रयोग लाए जाने वाले तिलक को न सिर्फ माथे पर लगाया जाता है बल्कि सिर, गले, दोनों बाजू, हृदयस्थल, नाभि, पीठ आदि जगह पर भी लगाया जाता है।

दिन के अनुसार लगाएं तिलक

सप्ताह के हर दिन अलग-अलग भगवान के अनुसार Tilak लगाया जाता है। जैसे कि सोमवार को महादेव और चंद्र देवता का आशीर्वाद पाने के लिए सफेद चंदन का तिलक लगाया जाता है। बजरंबली और भूमिपुत्र मंगल देवता का आशीर्वाद पाने के लिए मंगलवार को लाल चंदन या फिर सिंदूर का तिलक लगाना शुभ माना जाता है। बुधवार को गणेश जी की कृपा पाने के लिए सिंदूर का Tilak लगाया जाता है। पीले चंदन या केसर का तिलक गुरुवार को देव बृहस्पति और विष्णु जी की कृपा पाने के लिए लगाया जाता है। शुक्रवार के दिन दुर्गा माँ का आशीर्वाद पाने के लिए रोली या लाल चंदन का तिलक लगाया जाता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिवार को भस्म का तिलक लगाया जाता है। रविवार को लाल चंदन या रोली का Tilak भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए लगाया जाता है।

 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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