Covid in India: कोरोना के नए लहर के बीच बैठकों का दौर जारी, IMA ने बताई डबल बूस्टर की जरूरत

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चीन के साथ-साथ कोरोना की ये नई लहर पुरे विश्व में तेजी से फैल रहा है। चीन तथा उसके आस-पास देश जैसे जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड  समेत कई देशों में कोरोना संक्रमित मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को एक बैठक के दौरान कहा कि चीन में कोरोना की स्थिति को देखते हुए भारत के लोगों को एक और कोरोना टीका लेने की जरूरत है। हाल ही में भारत ने इन देशों के यात्रियों को विशेष चेकअप के लिए ठोस कदम उठाया था। इन देशों के यात्रियों को कोरोना के कोई लक्षण या कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर क्वारंटाइन किया जाएगा।

 

कोरोना से मचे हड़कंप के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अहम बैठक

कोरोना से मचे इस हड़कंप के बीच भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट के मामले देखने को मिले है। साथ ही एक नई लहर आने की आशंका जताई जा रही है। केंद्र सरकार भी इसे रोकने के लगातार मीटिंग के जरिए जरुरी फैसले ले रही है। इसी बीच सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) व अन्य शीर्ष चिकित्सकों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीन में बूस्टर डोज से बाद भी हाहाकार मचा हुआ है उसको मद्देनजर भारत के लोगों को भी एक और डोज यानी चौथी खुराक लेनी चाहिए।

विशेषज्ञों ने चीन का हवाला देते हुए दूसरी बूस्टर डोज देने की बात की

स्वास्थ्य मंत्री ने आईएमए के साथ यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इसमें देश में कोरोना की नई लहर की आशंका को देखते हुए शीर्ष चिकित्साविदों के साथ परामर्श किया गया। विशेषज्ञों ने चीन का हवाला देते हुए इस बात की ओर संकेत दिया कि चीन में बड़ी संख्या में लोग बूस्टर खुराक ले चुके थे, इसके बाद भी वे ओमिक्रॉन के बीएफ.7 वैरिएंट की चपेट में आ गए। ऐसे में हमें जल्दी से जल्दी इसपर काम करना होगा।

स्वास्थ्य जानकारों ने की सही आंकड़े पेश करने की मांग

बता दें कि देशवासियों को कोरोना टीकों की दो खुराक अनिवार्य रूप से दी गई है। तीसरी अतिरिक्त या बूस्टर खुराक देने का काम भी जारी है। चीन व अन्य देशों में हालात बेकाबू होते देख चौथी खुराक या दूसरी बूस्टर खुराक पर विचार चल रहा है। जिस तरह से चीन आंकड़ों की सही जानकारी नहीं दे रहा है और छिपाने का काम कर रहा है, ऐसे में बैठक में मौजूद जानकारों ने मांग की है कि विदेशों में संक्रमण की सही जानकारी मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि उसे देखकर देश में खतरे का आकलन किया जा सके।

 

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