RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहली चार्जशीट दायर की। चार्जशीट में पांच लोगों को सीबीआई ने दोषी करार दिया है। इसमें पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष, तत्कालीन हाउस स्टाफ डॉ आशीष कुमार पांडेय, मां तारा ट्रेडर्स के मालिक बिप्लब सिंघा, हाजरा मेडिकल के मालिक सुमन हाजरा और एशान कैफे के अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी और प्रमुख व्यक्ति अफसर अली खान को आरोपी बनाया गया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया मामला
यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। यह आदेश आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित था। बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर केस के दौरान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष पर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे थे। उन पर आरोप था कि अस्पताल के लिए मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने के टेंडर में में हेराफेरी की है। साथ ही अपने करीबियों को इसके टेंडर दिलाने में मदद की।
हालांकि, आरजी कर हॉस्पिटल में करप्शन मामले में CBI की चार्जशीट कोर्ट ने शुक्रवार को नामंजूर कर दी। राज्य सरकार के किसी कर्मचारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए जरूरी मंजूरी उपलब्ध न होने की वजह से CBI की विशेष अदालत चार्जशीट स्वीकार नहीं की। जांच एजेंसी ने मामले में पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को मुख्य आरोपी बनाया है।
एक और मामलें में जांच कर रही है टीम
बता दें कि सीबीआई इस साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में भी घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल की जांच कर रही है। इस मामले में घोष और मंडल पर मुख्य आरोप सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच को गुमराह करने का है। यह जांच शुरुआत में कोलकाता पुलिस की ओर से की जा रही थी। बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
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