बेटियों के जन्म पर इस गांव में लगाए जाते है 111 पौधे, बाकी गांव के लिए बना मिसाल

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Rajasthan Piplantri Village : देश में आज भी कई ऐसी जगह है जहां पर बेटा और बेटी को एक समान दर्जा नहीं दिया जाता हैं, लेकिन राजस्थान का ये गांव बेटियों के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के राजसमंद जिले के पिपलांत्री गांव में बेटे और बेटी को एक समान अधिकार प्राप्त हैं और अब ये गांव, बेटियों के नाम पर लगाए गए लाखों पौधों के कारण हरा-भरा है। बता दें कि वर्ष 2005 में इस गांव के सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने अपनी बेटी किरण के नाम पर किरण निधि योजना शुरू की थी। इस योजना के अंतर्गत गांव में प्रत्येक बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाए जाते हैं और बेटी के नाम से बैंक में 21 हजार रुपये 20 वर्षों के लिए जमा किए जाते हैं। समय के साथ पिपलांत्री गांव की ये योजना प्रत्येक ग्रामीण के संस्कार का हिस्सा बन गई है, जो आज तक कायम है।

बता दें कि अभी तक इस गांव में तीन लाख से अधिक पौधे बेटियों के जन्म पर लगाए जा चुके हैं। इस गांव में बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ और देखभाल का पूरा ध्यान रखा जाता है। गांव में कन्या की भ्रूण हत्या, बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी परंपरा का नामों निशान नहीं है। इसके अलावा जब कोई पर्यटक इस गांव में घूमने आते हैं, तब भी उनके आगमन पर भी एक पौधा लगाया जाता है।

बहराहल साल 2007 में इस गांव को खुले में शौच मुक्त होने की वजह से स्वच्छता पुरस्कार भी दिया गया था व वर्ष 2021 में गांव के पूर्व सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। एक समय वीरान दिखने वाला यह गांव अब हरियाली से भरा हुआ है, जिसकी मिशाल आज देश में दी जाती है।

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