(मॉर्निंग मंत्र) प्रातः काल में जप करने के फायदे

Morning

प्रातः काल में जप करने के फायदे  :

रोजाना सुबह उठते ही करें इन मंत्रों का करे जाप और बनेंगे सारे काम
माना जाता है कि यदि दिन की शुरुआत खुशनुमा हो तो पूरा दिन हसी ख़ुशी से बीतता है। और इस वजह के कारन लोग अपने दिन की शुरुआत किसी मंत्र से, पूजा पाठ या योग से आरंभ करते है।

हिंदू धर्म में मान्यता है

कि सुबह आंख खुलते ही भगवान का नाम लेने से दिन अच्छा होता है। साथ ही भाग्योदय भी होती है। इसके अलावा शास्त्रों में कुछ मंत्रों के बारे में बताया गया है। सुबह उठकर सबसे पहले इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। दरअसल, हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व माना गया है। जिस भी मंत्र का जाप यदि आप रोजाना करते है तो वो मंत्र सिद्ध हो जाता है।
हर देवी देवताओं के लिए अलग-अलग मंत्र होते हैं। और हर मनोकामना पूरी करते हैं। कहा जाता है कि किसी भी मंत्र का ध्यानपूर्वक जाप करने से शरीर की आंतरिक शक्तियां जागृत होती हैं। ये शक्तियां सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं, जिससे पूरा दिन व्यक्ति ऊर्जा से भरा रहता है और बिगड़े काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं।

तो चलिए जानते हैं कुछ मन्त्रों का जाप और उनके रहस्य,

सबसे पहले आंख खुलते बिस्तर पर बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को जोड़ कर मध्या भाग को देख कर इस मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि सुबह उठते ही इस मंत्र को पढ़कर अपने हाथों के दर्शन करना लाभदायक होता है।

कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थितो ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।

इसके बाद धरती मां को प्रणाम करें नीचे दिया गया मंत्र बोलें। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और पूरा दिन अच्छा जाता है।

समुद्र वसने देवी, पर्वत स्तन मंडले।
विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।

फिर स्नानादि करें और नीचे दिए गए इस मंत्र के साथ भगवान सूर्यदेव को नमन करें। मान्यता है कि इससे घर में साकारात्मक ऊर्जा आती है और धन की वृद्धि होती है।

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते।।

इसके बाद अपने ईष्टदेव के सामने दीप जलाकर नीचे दिए मंत्र का जाप करें। इससे हमारे पापों का नाश करता है।

दीप ज्योति: पर ब्रह्म, दीप ज्योतिजनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं, दीप ज्योतिर्नमोऽस्तुते।।

रोजाना सुबह भगवान की पूजा करने के बाद नाश्ता करें और नाश्ते से पहले नीचे दिए मंत्र का जाप करें। इससे बुद्धि और तेज को बढ़ेगा।

ब्रह्मार्पण ब्रह्म हवि: ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं, ब्रह्म कर्म समाधिना।।

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