जानिए क्यों पहाड़ के संकरे रास्तों पर हॉर्न बजाने से किया जाता है मना

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किसी भी गाड़ी में हॉर्न बजाना परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यूं तो हॉर्न इंडीकेशन की तरह जरूरी है लेकिन क्या आपको पता है कि पहाडी रास्तों पर अक्सर गाड़ी का हॉर्न ना बजाने की सलाह दी जाती है। चलिए जानते हैं क्यों?

भारत में ड्राइविंग करना वाकई काफी क्रेजी टास्क है क्योंकि यहां कुछ लोग मजे के लिए हॉर्न बजाते हैं तो कुछ लोग जरूरत पड़ने पर भी नहीं बजाते। लेकिन सेफ ड्राइविंग के नियम कहते हैं कि वेबजह हमें हॉर्न का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। भारत के 80% ड्राइवर बिना किसी कारण के हॉर्न बजाते रहते हैं। अगर कहीं भीड़ हो या कहीं हैवी ट्रैफिक हो और यह पता हो कि आगे वाला आसानी से नहीं निकलने वाला, तब हॉर्न की आवाज काफी बढ़ जाती है। लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जबरदस्ती का हॉर्न बजाना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

पहले जानते हैं कि हॉर्न बजाने के लिए किन बातों का पालन करना चाहिए, खासकर सेफ ड्राइविंग पसंद करने वाले इसका जरूर पढ़ना चाहेंगे।

हॉर्न का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में करना चाहिए

अगर कोई रोड पार कर रहा हो। जी हां, पैदल सड़क पार करने वालों को इंडीकेट करने के लिए हॉर्न बजाना चाहिए। लेकिन लगातार हॉर्न बजाने से पैदल यात्री आतंकित हो सकते हैं इसलिए सही समय पर हॉर्न बजाकर रोक देना चाहिए।

पहाड़ के संकरे रास्तों पर ना बजाएं हॉर्न

वैसे तो हॉर्न बजाने को लेकर बनाए गए नियमों का कम ही लोग पालन करते हैं लेकिन इस सलाह पर सभी को गौर करना चाहिए क्योंकि मामला जान की सुरक्षा से जुड़ा है। जी हां, पहाड़ी रास्तों पर ज्यादा हॉर्न बजाने की सलाह नहीं दी जाती।

क्या है इसके पीछे की वजह 

अगर हम पहाड़ों के संकरे रास्तों पर ड्राइव करते हुए बहुत ज्यादा हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं तो इस हॉर्न से echo इफेक्ट होता है, जिससे आसपास ड्राइव कर रहे ड्राइवर को यह कन्फ्यूजन हो जाता है कि आवाज किधर से आ रही है और ड्राइविंग करते वक्त वह अनबैलेंस भी हो सकते हैं।

दूसरी खास वजह

जब भी हम अत्यधिक हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं तब उससे निकले हुए वाइब्रेशन की वजह से कई बार पहाड़ों से पत्थर गिरने लगते हैं। इस वजह से लैंडस्लाइड भी हो सकता है। ये जान और माल दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। पत्थरों के पहाड़ों से गिरने की वजह से रास्ता बंद हो सकता है और बहुत हैवी ट्रैफिक जाम हो सकता है, जिससे निकलने में घंटों लग सकते हैं और अगर आपके पास इस बीच संसाधन की कमी है तो यह आपका एक बुरा अनुभव हो सकता है।

साथ ही साथ पत्थरों के गिरने से गाड़ियां भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती हैं या फिर उनके अनबैलेंस होकर पहाड़ से नीचे गिरने के चांस बन जाते हैं।

इसलिए जब भी पहाड़ों पर गाड़ी चलाएं तो कोशिश करें कि हॉर्न का कम ही इस्तेमाल करें।

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